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07 September 2021

कारक किसे कहते है

  Kids Learning Zone ( किड्स लर्निंग ज़ोन )

                    कारक ( Conjunction )
कारक ( Conjunction ) :  संज्ञा के जिस रूप से उसका क्रिया के साथ सम्बन्ध व्यक्त होता है , उसे कारक कहते है जो शब्द सम्बन्ध  को प्रकट  करते है , उन्हे कारक चिन्ह कहते है । इन कारक चिन्हों को परसर्ग या विभक्ति भी कहते है 
   इन वाक्यों मे 'ने' 'पर' 'से' आदि कारक चिन्ह लगे हुए है , जिनका क्रिया के साथ सम्बन्ध व्यक्त हो रहा है । 

1. रवि ने आम खाया । 
2. सुनीता कुर्सी पर बैठी है 
3. रमेश अमित से कलम ले रहा है । 

कारक के भेद : कारक के निम्नलिखित भेद है :
  कारक                     कारक चिन्ह 
1. कर्त्ता                      ने 
2. कर्म                       को 
3. करण                    से, के, द्वारा 
4. संप्रदान                 को, के, लिए 
5. अपादान                से (अलग होने पर )
6. सम्बन्ध                  का, की, के, रा, री, रे, ना, नी, ने 
7. अधिकरण             मे, पे, पर 
8. सम्बोधन               अरे  हे  ओह 

1.  कर्ता कारक  -  क्रिया करने वाले को कर्ता  कारक कहते है  जैसे -
(1 ).  नीरज ने भोजन कर लिया । 
(2 ). रमन दौड़ रहा है । 
(3 ). बंदर केला खा रहे है । 
    
इन वाक्यों मे नीरज, रमन और बंदर ये सभी कर्ता कारक के उदाहरण है । 
 
2. कर्म कारक - जिस वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहा जाता है जैसे - (1). सीता ने फल खाया । 
(2). नीना खेल रही है । 
(3). राम पुस्तक पढ़ता है ।  

इन वाक्यों मे खाया, खेलना और पढ़ना ये सभी शब्द कर्म कारक के उदाहरण है । 

3. करण कारक -कर्ता जिस वस्तु, उपकरण, साधन, या उपाय आदि की सहायता लेकर क्रिया करता  है, उसे कारण कारक कहते है । जैसे - 
(1). सुमन कलम से लिख रही है । 
(2). पंखे बिजली द्वारा चलते है । 
(3). हम बस द्वारा विध्यालय जाते है । 

 इन वाक्यों मे विभक्ति चिन्ह द्वारा, से आदि करण कारक है । 

4. संप्रदान कारक - जिसके लिए कर्ता कार्य कर्ता है, उसे संप्रदान कारक कहते है । जैसे - 
(1 ). राजा ने ब्राह्मणों को दान दिया । 
(2 ). सैनिक देश के लिए बलिदान देते है । 
(3 ). निर्मल दुखियों की सहायता हेतु तत्पर रहता है । 
इन वाक्यों मे को, के लिए और हेतु ये सभी संप्रदान कारक है ।  

5. अपादान कारक - वे शब्द जिनमे अलग होने का भाव प्रकट होता हो, उसे अपादान कारक कहते है । 
(1 ). पेड़ से पत्ता गिर रहा है । 
(2 ). सोना खान से निकलता है । 
इन वाक्यों मे पेड़ से, खान से ये शब्द अलग होने का भाव प्रकट करते है, अपादान कारक है 

6. सम्बन्ध कारकसम्बन्ध कारक मे किसी एक वस्तु या व्यक्ति का दूसरी वस्तु या व्यक्ति से सम्बन्ध व्यक्त होता है जैसे -
(1). अमित का भाई सुमित है । 
(2). मीरा राधा की सहेली है । 
(3). मोहन के दो पुत्र है 
इन वाक्यों मे का, की, के आदि शब्द संबंध कारक को प्रकट कर रहे है । 
 
7. अधिकरण कारक - जिस कारक से क्रिया के आधार, स्थिति या स्थान का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते है जैसे - 
(1 ). कलम मेज पर रखी है । 
(2 ). गिलास मे पानी कम है । 
(3 ). रतन छत पर पतंग उड़ा रहा है 
इन वाक्यों मे मेज पर, गिलास मे, छत पर ये शब्द अधिकरण कारक के है ।

8. सम्बोधन कारक - जिन शब्द रूपों से किसी को संबोधित करना, आश्चर्य , प्रसन्नता, शोक आदि का भाव प्रकट हो, वह सम्बोधन कारक कहलाता है।
जैसे - 
(1 ). अरे तुम आ गए । 
(2 ). हे ईश्वर हमे बचाओ । 
(3 ). वाह क्या बात है । 
इन वाक्यों मे अरे, हे ईश्वर, वाह ये सभी शब्द सम्बोधन कारक के है । 

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